इन्टरनेट क्या है?

Internet का पूरा नाम International Network होता है आप इसे हिंदी में भुजाल या अंतर-जालक्रम भी कह सकते हैं, इसे वर्ष 1969 में विंट कर्फ और उनके अन्य साथी ने शुरू किया था, इन्हें इन्टरनेट का पिता भी कहा जाता है |

 

मैं आपको बता दूँ की इन्टरनेट “नेटवर्कों का नेटवर्क” है, जिसमें की सरकारी और प्राइवेटलोकल से लेकर ग्लोबल स्कोप वाले नेटवर्क होते हैं |

 

अब आपके मन ये Confusion हो रहा होगा की नेटवर्क क्या होता है  तो “नेटवर्क” दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टमों को आपस में जोड़कर बनाया गया एक समूह होता है |


Confusion

 

Internet दो शब्दों से मिलकर बना है, एक Inter और दूसरा  Net.  ये एक Short Name है, इसका पूरा नाम Inter यानी International और Net यानी Network होता है, इसलिए तो इसे “International Network” कहा जाता है............

 

 

इन्टरनेट का इतिहास (History Of Internet)

उत्तर- इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग में हुआ था |  शुरू में इन्टरनेट का इस्तेमाल गुप्त सुचना को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजने के लिए किया जाता था और वर्ष 1969 में ARPANET यानी (Advanced Research Projects Agency Networkनामक एक नेटवर्क को विकसित किया गया और 1970 के दशक में इसको कई देशो के कंप्यूटरों से जोड़ दिया गया, जिसके बाद इसको “ARPANET” से Internet नाम रख दिया गया |

 

मैं आपको बता दूँ की “इन्टरनेट” का इस्तेमाल शुरूआती में प्राइवेट नेटवर्क की तरह किया गया और बाद में जैसे-जैसे इसमें बदलाव आता गया वैसे-वैसे इसको प्राइवेट से सार्वजनिक कर दिया गया और अभी आप वर्तमान में देख पा रहें हैं की इन्टरनेट सबके लिए है, इन्टरनेट का इस्तेमाल हर एक नागरिक कर सकता है


वर्ष 1970 में सर्वप्रथम इन्टरनेट की शुरुआत 'Vinton Gray Cerf' और 'Bob Kanh' के द्वारा की गई थी, इन दोनों ने मिलकर “इन्टरनेट” का आविष्कार' किया, इसलिए इन्हें 'इन्टरनेट का पिता' भी कहा जाता हैं ।

 

Confusion

 

मैं आपको बता दूँ की इन्टरनेट को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया था, मगर हाँ, जिन लोगों ने सबसे पहले इसपर काम किया उनको ही इन्टरनेट का पिता माना गया.......

.


भारत में इन्टरनेट का इतिहाश बतायें

भारत में इन्टरनेट का इतिहाश कुछ समय बाद से शुरू हुआ था | सर्वप्रथम “नेशनल” कंपनी ने भारत में इन्टरनेट की शुरुआत किया उसके बाद धीरे-धीरे इन्टरनेट की वजह से कई सारे बदलाव भी आने लगें | 

 

(1) सबसे पहले इन्टरनेट की सुविधा बड़े-बड़े शहरों में शुरू किया गया

(2) उसके बाद 1996 में एक ईमेल साईट बनी जिसका नाम rediffmail रखा गया

(3) भारत में इन्टरनेट सेवा का आरम्भ 15 अगस्त 1995 में किया गया था 

(4) भारत का सबसे पहला वेबसाइट जो की naukari.com है

(5) भारत में सबसे पहले “कैफे” 1996 (मुंबई) में खोला गया जहाँ पर इन्टरनेट इस्तेमाल करने की सुविधा दी गयी

(6) 1999 में “Webdunia” के नाम से एक वेबसाइट बनी जो की हिंदी में था और 2000 के दशक में इंडिया याहू और अमेज़न इंडिया जैसी वेबसाइट बनी और आप अभी देख सकते हैं की इंडिया के अन्दर कितने सारे वेबसाइट बन चुके हैं जिसकी कोई गिनती भी नहीं है

 

Confusion

 

साइबर कैफे- एक ऐसा स्थान जहाँ पर इन्टरनेट की सुविधा दी जाती है |

 

 

प्रश्न- इन्टरनेट के लाभ

उत्तर- इन्टरनेट के लाभ निम्न हैं जैसे...............

(1) इन्टरनेट के जरिये हम आसानी से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संपर्क बना सकते हैं

(2) इन्टरनेट के जरिये हम कोई भी देश के किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं

(3) इन्टरनेट के जरिये हम घर बैठे ही दुनियाँ में घट रही किसी भी तरह की घटनाओं को आसानी से पढ़ या लाइव उसकी प्रसारण देख सकते हैं

(4) इन्टरनेट के जरिये हम घर बैठे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं

(5) इन्टरनेट के माध्यम से सभी कम्पनियाँ अपनी प्रचार-प्रसार भी कर सकते हैं  

(6) इन्टरनेट के जरिये हम अपने पैसो की लेन-देन आसानी और सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं

(7) हम अपनी किसी भी तरह की समस्याओं का समाधान इन्टरनेट के माध्यम से पा सकते हैं   

(8) हम इन्टरनेट पर अपना Business भी कर सकते हैं और ऑनलाइन पैसे कमा सकते हैं

(9) इन्टरनेट के जरिये ऑनलाइन परीक्षा भी ली जाती है

(10)  इन्टरनेट के मदद से हम ऑनलाइन शोपिंग भी कर सकते हैं

 

नोट- घूमा-फिरा के बोले तो इन्टरनेट के जरिये हम कई तरह के और भी कार्य कर सकते हैं, जो की आप अच्छी तरह से जानते हैं, मुझे इसके बारें में बताने की कोई जरुरत नहीं है |  

 

प्रश्न- इन्टरनेट की हानियाँ  

जहाँ तक इन्टरनेट से कुछ फायदे होते हैं तो कुछ हानियाँ भी होती है जो की आपको निचे बताया गया है

(1) अगर आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन में इन्टरनेट चलाते हैं तो इससे वायरस आने की काफी संभावना होती है

(2) इन्टरनेट पर भेजी गयी किसी भी तरह की सूचनाओं को आसानी से चुराया जा सकता है अगर इसपर थोड़ा ध्यान ना दिया जाए

(3) इन्टरनेट पर कई सारे जानकारियाँ ऐसी भी होती है जो की गलत और भड़काऊ होती है

(4) हैकर लोग आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की कुछ जानकारियों को चुराकर उसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं

(5) अगर आप इन्टरनेट पर अपनी किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट को शेयर करते हैं तो लोग उसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है  

(6) आजकल इन्टरनेट के जरिये लोग Game खेलने में आदि हो गयें हैं जिससे की उनके स्वास्थ्य पर बूरा प्रभाव पड़ सकता है

(7) इन्टरनेट के जरिये आपके फोन से फोटो को चुराया जा सकता है और उसको गलत तरीके से प्रयोग किया जा सकता है

 

प्रश्न- इंट्रानेट ( Intranet) क्या होता है ?

उत्तर- किसी एक संगठन के भीतर प्राइवेट कंप्यूटर नेटवर्कों का समूह ही “इंट्रानेट” कहलाता है |

 

यह एक प्रकार का प्राइवेट नेटवर्क होता है, जिसका उपयोग विशेष रूप से किसी कॉलेज, स्कूल या किसी बड़े कंपनी में प्रयोग किया जाता है जिसे हमलोग LAN (Local Area Netwok) भी कहते हैं 

 

“इन्टरनेट” को हैक किया जा सकता है मगर “इंट्रानेट” को नहीं, क्योंकि ये पूरी तरह से सुरक्षित नेटवर्क होता है, इसको हैक करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है | मैं आपको बता दूँ की इसको Access करने के लिए सबसे पहले User Name और Password माँगा जाता है यह “इन्टरनेट” की तरह ही काम करता है, मगर इसको सभी लोग यूज नहीं कर सकतें-

 

एक्सट्रानेट (Extranet ) क्या होता है ?

मैं आपको बता दूँ की एक्सट्रानेट, इंट्रानेट का ही एक भाग है | जब कोई व्यक्ति इन्टरनेट के द्वारा इंट्रानेट में Access करता है तो इस Access करने की जो प्रक्रिया होती है, उसे ही “एक्सट्रानेट” बोला जाता है अर्थात जब कोई व्यक्ति इन्टरनेट का इस्तेमाल करता है और वह अपनी जानकारी को अपने नेटवर्क क्षेत्र के बाहर प्रदान करना चाहता है तो उस बाहरी व्यक्ति को एक User Id और Password देकर इन्टरनेट के द्वारा डाटा आ आदान-प्रदान करना होता है |

 

इन्टरनेट, इंट्रानेट और एक्सट्रानेट में अंतर बतायें

इन्टरनेट, इंट्रानेट और एक्सट्रानेट में निम्नलिखित अंतर है 


 

इन्टरनेट (Internet)

 

 

इंट्रानेट (Intranet)

 

एक्सट्रानेट (Extranet)

 

इन्टरनेट का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है |

 

इंट्रानेट को सिर्फ एक संस्था ही चला सकता है |

 

एक्सट्रानेट को एक से ज्यादा संस्था चला सकता है |

 

 

इन्टरनेट का इस्तेमाल करने के लिए ना User Name की जरुरत पड़ती है और ना ही Password की  |

 

जबकि इंट्रानेट का इस्तेमाल करने के लिए User Name और पास्स्वोर्ड की जरुरत पड़ती है |

 

एक्सट्रानेट का भी इस्तेमाल करने के लिए एक User Name और Password की जरुरत पड़ती है |

 

 

अगर आप इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी Security आपके डिवाइस पर निर्भर करेगा | अगर आपके  डिवाइस में वो Security है तो ठीक है वरना आपको समस्या हो सकती है |

 

 

 

 

इसकी Security Firewall पर निर्भर करती है |

 

 

 

इसकी Security इन्टरनेट, एक्सट्रानेट के Firewall पर निर्भर करता है |

 

इन्टरनेट को पब्लिक नेटवर्क कहा जाता है

 

 

लेकिन इंट्रानेट एक प्राइवेट नेटवर्क होता है |

 

एक्सट्रानेट भी प्राइवेट नेटवर्क है जो कि पब्लिक नेटवर्क की सहायता से डाटा को आदान-प्रदान करता है | 

 


नोट:
Firewall एक नेटवर्क Security System होता है जो Incoming और Outgoing नेटवर्क ट्रैफ़िक को मॉनिटर करता है और कंट्रोल करता है............